खामोशी
मैंने आंखों में देखा है उसके; वह इनकार छिपी हुई,
जब कभी उसकी खामोशी को हां समझ ली जाती है।
दर्द उसका सिवा उसके कोई और क्या जान सकेगा;
जब आंखों में आंसू लेकर भी उसके होठ...
जब कभी उसकी खामोशी को हां समझ ली जाती है।
दर्द उसका सिवा उसके कोई और क्या जान सकेगा;
जब आंखों में आंसू लेकर भी उसके होठ...