...

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ज्ञानदीपक
एक लेब , एक पाम
तेरी शान में दो मोती
वफ़ा की मिशाल ये
ऊर्जा तू इनसे पाती
कितना सुन्दर दृश्य होगा
जब जब तू इनसे बतियाती
श्रद्धा तेरी इनमें है
तू इनकी श्रद्धा कहलाती
चमक तेरी आंखों की
तेरी हर बात कह जाती
दुनिया चाहे तेरी छोटी है
तुलसी तेरे आंगन बसती
तेरे ‌शहर की हवा पवित्र
जो तुझको छूकर है आती
सुन्दर सा तेरा जीवन‌ है
ज्ञान‌दीपक बच्चों का कहलाती।।