...

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वो शख्स ,,,
नूर उस मह जबीं का आज कुछ बेरंग लगता है,
कुछ रोज से एक शख्स गुल-ए-नौरंग लगाता है,

कौन है वो शख्स जो बज्म की बीनाई ले बैठा,
दिल में टीस है वो बुझा बुझा सा तंग लगता है,

और चाहकर भी न मिटा, हाथों से उसके वो रंग,
उसके हाथ पे सुरख वो रंग हिना खुदरंग लगता है,

रकीब आए बहुत बज्म में पर उसने आह...