...

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खामोशी से चला जाऊंगा
एक दिन मैं चला जाऊंगा,
मुसाफिर हूँ सफर मे हो जाऊंगा,
इससे पहले जमाना रोके
मैं आँखों से ओझल हो जाऊंगा
मैं कहीं खो जाऊंगा,
तुम मुझको ढूँढते रहोगे,
पर तब तक मैं तुमसे दूर चला जाऊंगा
तुम मुझको सोचोगे,
उठकर रातों मे रोओगे
पर मैं वापस नही आऊंगा
एक दिन मैं चला जाऊंगा
जब रातों को सोये होगे
तब ख्वाबो मे तुम्हारे आऊंगा
तुम आईने मैं खुद को देखोगे
मैं आँसू बन आँखो मे ठहर जाऊंगा
एक दिन मैं चला जाऊंगा,
मेरी यादों से कैसे खुद को बचाओगे
मेरे बाद अब किसे तड़पाओगे
जीते जी मैं याद न आया
पर मर कर जरूर याद आऊँगा
हाँ एक दिन "खामोशी" से
तुम्हारी दुनिया से चला जाऊँगा
©Rohan Mishra (alfaaz_rohu_ke)
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© alfaaz_rohu_ke