अब थाल अपनी बदल गई है
अब थाल अपनी बदल गई है,
चाल भी अपनी समहल गई है ।।
बॉडी जो ढीली ढाली थी ,
उचक्क उच्चक के सुधर रही है।
अब थाल अपनी बदल गई है।।
समोसे कचौरी रोज है दिखते ,
मुंह में...
चाल भी अपनी समहल गई है ।।
बॉडी जो ढीली ढाली थी ,
उचक्क उच्चक के सुधर रही है।
अब थाल अपनी बदल गई है।।
समोसे कचौरी रोज है दिखते ,
मुंह में...