...

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मंजूर है🕊️
लकीर खींचू उतनीही,
जितनी इजाजत हो।

आज़ाद करू परिंदो को दिल से,
जितनी इबादत हो।

गुनाह कबूल है तुम्हारे भी उतने,
जितनी...