...

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प्रेम
दिल मानता नही ,
बिना उसको देखे भले तस्वीर ही क्यों न हो ,
मैं जिंदा रहूंगी कैसे ,
जब हाथ में जीवन की लकीर ही ना हो ।

ये दुनिया खराब है ,
हमे एक ना होने देगी ,ये कहना खराब है ,
मरते तो हमने ,उन अहो को देखा है ,
जो शिश्किया लेते रातों में तन्हा , बेबास है ।

© @खामोश अल्फाज़ ©A.k