अफसोस मत कर .......
शम्मा अगर जल रही है तो जलने दो।
आग अगर उठ रही है तो उठने दो।
उससे उसके कर्मों का सबब तो मिलना ही है।
के अगर आज तड़प रही है तो तड़पने दो।
आज रो रही है तो रोने दो ।
तुम्हे भी तो इतना रुलाया है।
आज तरस रही है तेरे लिए तो तरसने दो।
तुम्हे भी तो कितना...
आग अगर उठ रही है तो उठने दो।
उससे उसके कर्मों का सबब तो मिलना ही है।
के अगर आज तड़प रही है तो तड़पने दो।
आज रो रही है तो रोने दो ।
तुम्हे भी तो इतना रुलाया है।
आज तरस रही है तेरे लिए तो तरसने दो।
तुम्हे भी तो कितना...