प्रेम का इंतज़ार
बारिश कि बूंदो की आवाज़े
मेरे कमरे के खालीपन और सनाट्टो को भर रही थी
अध खुली खिड़की से कुछ बूँदे मेरी ओर भी लपकी
शायद कोशिश थी उनकी मेरे दरारों को भरने की
या
कोशिश थी उन दरारों से होकर मेरे उन हिस्सों तक पहुंचने की
जिन्हें सूरज की किरणों ने भी अछूत समझ लिया था
क्योंकि
सिर्फ बादलों ने ही देखा ओर समझा है
सूखी बेजान धरा की प्यास ओर इंतज़ार
उसी तरह
तुम भी मेरे प्रेम के इंतज़ार को समझ
बरस जाना किसी काले बेफिक्र मेघ की तरह
ताकि
मेरे सीने में खिलते हमारे प्रेम के पुष्प
किसी वादी को नहीं
बल्कि
हमारे घर के कोनों को महका सके!
# इंतज़ार
© Mystic Monk
मेरे कमरे के खालीपन और सनाट्टो को भर रही थी
अध खुली खिड़की से कुछ बूँदे मेरी ओर भी लपकी
शायद कोशिश थी उनकी मेरे दरारों को भरने की
या
कोशिश थी उन दरारों से होकर मेरे उन हिस्सों तक पहुंचने की
जिन्हें सूरज की किरणों ने भी अछूत समझ लिया था
क्योंकि
सिर्फ बादलों ने ही देखा ओर समझा है
सूखी बेजान धरा की प्यास ओर इंतज़ार
उसी तरह
तुम भी मेरे प्रेम के इंतज़ार को समझ
बरस जाना किसी काले बेफिक्र मेघ की तरह
ताकि
मेरे सीने में खिलते हमारे प्रेम के पुष्प
किसी वादी को नहीं
बल्कि
हमारे घर के कोनों को महका सके!
# इंतज़ार
© Mystic Monk