प्रेम का इंतज़ार
बारिश कि बूंदो की आवाज़े
मेरे कमरे के खालीपन और सनाट्टो को भर रही थी
अध खुली खिड़की से कुछ बूँदे मेरी ओर भी लपकी
शायद कोशिश थी उनकी मेरे दरारों को भरने की
या
कोशिश थी उन दरारों से होकर मेरे उन हिस्सों तक पहुंचने की...
मेरे कमरे के खालीपन और सनाट्टो को भर रही थी
अध खुली खिड़की से कुछ बूँदे मेरी ओर भी लपकी
शायद कोशिश थी उनकी मेरे दरारों को भरने की
या
कोशिश थी उन दरारों से होकर मेरे उन हिस्सों तक पहुंचने की...