आज बहुत याद आई तुम्हारी
आज बहुत याद आई तुम्हारी,
बरसात की बूंदों सी ठंडक सम है तुम्हारी यादें,
शांत से मन में हलचल मचा जाती है तुम्हारी यादें...
क्या बिसात मेरी जो ठहर पाउँ तेरे अक्स के आगे,
मैं....... मैं तो बस...
बरसात की बूंदों सी ठंडक सम है तुम्हारी यादें,
शांत से मन में हलचल मचा जाती है तुम्हारी यादें...
क्या बिसात मेरी जो ठहर पाउँ तेरे अक्स के आगे,
मैं....... मैं तो बस...