...

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#Mazdur_mazboor_hai
जब बच्चा उसका भूखा सोता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
मीलों गाँव की ओर चल के
जब वो बूढ़ा शरीर थकान से रोता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
बडे-बडे मकानों को हाथो से सींचने वाला
जब खुद बेघर होता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
रेल की पटरियों पर टुकडों में पड़ी लाशें
जब वो परिवार समेटता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
जब जिंदगी जीने की जदोजहद में
वो अपनो को खोता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
सरकार को दोष दे, या खुदा को दोषी मानें
वो दोनों को माफ कर के
खुद को दोषी कहता होगा
दर्द उन्हें भी होता होगा
कल वो फिर शहरों को सजा रहा होगा
सड़को को फिर अपनी मेहनत से रास्ता दिखा रहा होगा
दर्द उन्हें तब भी होग
पर वो मजदूर मुस्करा रहा होगा।