भूसा,भैंस और भूत
भूत,भूसा और भैंस ( प्रतीकातमक कहानी)
इस कहानी मे कई किरदार हैं
एक भैंस होती है जो चाहती है कि पौष्टिक घास भूसा,दाना सब मिले पर मिलता है उसे सिर्फ भूसा,वो भी तरसा तरसा के
भूसा कुछ कह नही सकता पर मौन ही रहता है
अब भैंस का दूध कोई तो निकालेगा न
पर अदृश्य है वो
भैंस का दूध कोई तो रोज़ निकाल रहा है दो तीन बार
कहाँ जा रहा है,कुछ पता नहीं
बेचारी को सिर्फ भूसा कोई दे जाता है,अदृश्य ही है वो
खूंटे से बंधे बंधे दिन रात निकल रहे हैं
कौन आता है,दूध निकालता है,फिर कौन आ के भूसा डाल जाता है,उसे पता नही
खूंटा भी अपनी जगह बदलता रहता है
कौन कब बदलता है,भैंस को पता नही
भैंस के बच्चे भी हैं पर उनको दूध पिला ही नही पाती
बड़ी परेशां है भैंस
कोई भूत ही होगा उसे लगता है जो उसका सारा दूध निकाल के किसी को दे देता है
अदृश्य भूत को ढूँढ के उसे भगा दीजिये न
आप उसकी मदद कर दीजिये न
उसे अच्छा चारा,दाना भी चाहिए
कोई नही दे रहा
देश ( भैंस)आपको दुआ देगा..
© Ramesh Mendiratta
इस कहानी मे कई किरदार हैं
एक भैंस होती है जो चाहती है कि पौष्टिक घास भूसा,दाना सब मिले पर मिलता है उसे सिर्फ भूसा,वो भी तरसा तरसा के
भूसा कुछ कह नही सकता पर मौन ही रहता है
अब भैंस का दूध कोई तो निकालेगा न
पर अदृश्य है वो
भैंस का दूध कोई तो रोज़ निकाल रहा है दो तीन बार
कहाँ जा रहा है,कुछ पता नहीं
बेचारी को सिर्फ भूसा कोई दे जाता है,अदृश्य ही है वो
खूंटे से बंधे बंधे दिन रात निकल रहे हैं
कौन आता है,दूध निकालता है,फिर कौन आ के भूसा डाल जाता है,उसे पता नही
खूंटा भी अपनी जगह बदलता रहता है
कौन कब बदलता है,भैंस को पता नही
भैंस के बच्चे भी हैं पर उनको दूध पिला ही नही पाती
बड़ी परेशां है भैंस
कोई भूत ही होगा उसे लगता है जो उसका सारा दूध निकाल के किसी को दे देता है
अदृश्य भूत को ढूँढ के उसे भगा दीजिये न
आप उसकी मदद कर दीजिये न
उसे अच्छा चारा,दाना भी चाहिए
कोई नही दे रहा
देश ( भैंस)आपको दुआ देगा..
© Ramesh Mendiratta