...

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तेरी याद
आते जाते उन गलियों में, आती है तेरी याद,
जहां भी है तू, खुदा तुझे हमेशा रखे आबाद,

कोयल की आवाज़ सी मीठी आवाज तेरी, आती है बहुत याद,
मगर भूल भी कैसे जाऊं तेरे वो बेवफा शब्द, हिला दी जिन्होंने रिश्ते की बुनियाद,

हाथों से वो खिलाया खाना तेरा, लगता था बहुत ही स्वाद,
उन्हीं हाथों से तोड़ा तूने, मेरा बांधा हुआ हर धागा-ए-मुराद,

आंखों में आंख डाल किया हुआ इजहार-ए-इश्क तेरा, देता हूं उसकी दाद,
उम्मीद है उस नजर से धोखा नहीं दिया होगा तूने, किसी को मेरे बाद,

मोहल्ला छोड़ा शहर छोड़ा और छोड़ दिया वो रिश्ता जो तूने किया बर्बाद,
मगर आते जाते उन गलियों में आती है तेरी याद।
© secret_script