...

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तू खूब जानता है
तू खूब जानता है
मेरे अंदर ही तू बसता है
लबों पर मेरे तू ही हंसता है
दिल से रूह तक जुड़ा
तेरा मेरा हर रास्ता है
तू खूब जानता है

इत्र सी महकती है
हमारे इश्क की खुशबू
हवाओं से करते हैं
खुले आम तेरी ही गुफ्तगू
आईने में भी अब
तुझ से ही होते हैं रूबरू

तू खूब जानता है
मेरे हर गीत का हर एक शब्द तू
रगों में जो बहता मेरी है वो रक्त तू
दिनचर्या मेरी तू ,
मेरा हर अच्छा बुरा वक्त तू


© summit_aroraa