...

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अर्थी उठी है...
देख उन्हे भी आश्चर्य हुआ है मुझे,
कल तक जो नफरत करते थे मुझसे,
आज मेरी अर्थी को कंधा देने आए हैं,
क्योकि आज मेरा निधन हुआ है।

मेरे जनाज़े पर वह रोने आए है,
क्योकि आज मेरा दिल नहीं,
मेरा शरीर दफ़न हुआ है।

जीते जी तो कभी,
किसी ने मेरे होने का एहसास भी न कराया होगा,
आज मुझपे प्यार बरसाने आए है।
क्योकि आज मेरे शरीर पर...