...

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अंत
बेसुध , बेपरवाह , बेफिक्र थे वो आज ,
पास बैठे सब रोए जा रहे थे ,
जाने से उनके बिखर गया सब और,
वो मुस्कुराते सोए जा रहे थे।

विडंबना देखो बेटी बिलख रही थी,
एक बाप बेपरवाह लेटा पड़ा था
एक पत्नी का संसार लूट गया
और पति सोने की जिद पर अड़ा था

उनके सोते में ही उनको नहलाया गया ,
नए नए कपड़ो से सजाया गया
सोते रहे वो घर परिवार को छोड़कर
सबसे दूर ले जाकर उन्हें बंधन से मुक्त कराया गया

"राम रमैया गाए जा " गाने वाले
आज राम में ही मिल गए
जन्मे , पले बढ़े पंचतत्वों में
आज उनमें ही विलीन हो गए

ॐ शांति
ॐ शांति
भगवान मामा जी के आत्मा को शांति दे ......🙏