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जिया जाए
इस दिल की दरारों में
अपना हौंसला भर के चलो
हार के इन गहरे वीरानों में
फिर से दिल लगा के चलो
ज़िन्दगी छोटी है अफ़सोस के लिये
क्यूँ फ़िज़ूल की फिक्र की जाए
वक़्त वैसे भी कम है जीने के लिये
क्यूँ न आज फिर से खुल के जिया जाए
© Tanha Musafir
अपना हौंसला भर के चलो
हार के इन गहरे वीरानों में
फिर से दिल लगा के चलो
ज़िन्दगी छोटी है अफ़सोस के लिये
क्यूँ फ़िज़ूल की फिक्र की जाए
वक़्त वैसे भी कम है जीने के लिये
क्यूँ न आज फिर से खुल के जिया जाए
© Tanha Musafir
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