स्वतरंगो में बहता हूँ
विरक्ति का है भाव,
पर न व्यक्ति मैं विशेष हूं ।
साधता हूँ , स्वयं को मैं ,
क्योकि स्वयं का मैं निवेश हूँ,. ॥
कर से करके कर्म को,
बढ़ रहा हूँ पथ पर मैं ।
विलासिता से दूर खड़ा हूँ,
इस विजय रथ पर मै ॥
सशक्त रख सोच अपनी,
मैं इस...
पर न व्यक्ति मैं विशेष हूं ।
साधता हूँ , स्वयं को मैं ,
क्योकि स्वयं का मैं निवेश हूँ,. ॥
कर से करके कर्म को,
बढ़ रहा हूँ पथ पर मैं ।
विलासिता से दूर खड़ा हूँ,
इस विजय रथ पर मै ॥
सशक्त रख सोच अपनी,
मैं इस...