...

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एकतरफा प्यार
सुनो! तुमसे कुछ पूछना है...क्या तुम वही हो?

जिसे देखने के बाद कुछ देखने का मन नहीं करता।

क्या तुम वही हो ?

जिसे सोचने के बाद कुछ सोचने का मन नहीं करता।

वो ख़्वाब जिसके आते ही नींद ऐसी आती है की जागने से नफ़रत सी होने लगती है।

वो सांस जिसे लेने के बाद पतझड़ भी सावन बन जाए।

वो चेहरा जिसे हर रात मैं अपने ख्यालों में निहारता हूं।

हां ! तुम वही हो
क्योंकि ये बातें कहते हुए मेरी आंखें मुझे सिर्फ तुम्हारा चेहरा दिखा रही हैं,
मानो मुझे आजतक इतना खूबसूरत कुछ दिखा ही न हो।

मेरा दिल...
मेरा दिल इतनी तेज धड़क रहा है मानो कह रहा हो की ये जो भी हो रहा है ये बस आखरी बार है।

मेरे कान...
मेरे कान मुझसे कह रहें की आजतक जो भी सुना वो सब बेकार है।

मेरे हाथ...
मेरे हाथ तुम्हे अपनी लकीरों में ऐसे ढुंढ रहे जैसे रुई की ढेर में सूई गुम गई हो।

मेरी बाहं...
मेरी बाहें तुम्हें ऐसे तालाश रहीं जैसे की तुम मेरा हिस्सा बन गई हो।

इन सब के बावजूद...
तुम्हे पाने, ना पाने का डर नहीं है मुझे, क्यूंकि तुम मेरा एकतरफा प्यार हो।

तुम्हारे दिल में क्या है, कौन है
मुझे नहीं जानना, मुझे बस इतना पता है, तुम वो हो जिसकी मुझे तलाश है।
अब तुम्हारा फैसला जो भी हो, मुझे नहीं जानना।।

मुझे तुम्हे पाने, ना पाने की हसरत नहीं है....क्यूंकि तुमसे प्यार करने के लिए मुझे तुम्हारी ही जरूरत नहीं है।

तुमसे दूर रहकर भी खुश हूं....
हमेशा कहता था ना II wait पूरी जिंदगी कर सकूं ये वो इंतेजार है,
हां! मुझे तुमसे एकतरफा प्यार है।

© Mγѕτєяιουѕ WriteR