अफ़वाह
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत
जितनी शायरो ने बना रखी है,
कोई तोड़ कर नही लाता चाँद तारे,
ये अफ़वाह किसी ने फैला रखी है,
हुस्न के ढलते हि ताल्लुक खत्म सा हो जाता है,
ये आशिक और है जिन्होने महबूबा कि तस्वीर...
जितनी शायरो ने बना रखी है,
कोई तोड़ कर नही लाता चाँद तारे,
ये अफ़वाह किसी ने फैला रखी है,
हुस्न के ढलते हि ताल्लुक खत्म सा हो जाता है,
ये आशिक और है जिन्होने महबूबा कि तस्वीर...