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घर के कुछ सदस्य तांत्रिक😱
यह कहानी सत्य घटनाओं पर आधारित है।
इस कहानी में सभी नाम काल्पनिक है।

यह कहानी एक ऐसे परिवार की है जिसमें 11 लोग रहते हैं। इसमें से जो 4 लोग भगवान को मानते नहीं है जानकी भूत प्रेत में विश्वास रखते हैं। और बचे हुए 5 लोग भगवान को बड़ा मानते हैं।

अंजलि (बड़ी बहू)
मुकेश (बड़ा बेटा)
प्रिया (दूसरे वाले बेटे की बीवी)
अंकुश (दूसरा बेटा)
आशीष (सबसे छोटा बेटा)
पूजा छोटे (बेटे की बीवी)
रामलाल (इन चारों लड़कों का पिता)
कौशल्या (रामलाल की पत्नी)

कहानी शुरू करने से पहले मैं बता देता हूं कि अंकुश के दो लड़के हैं और मुकेश की एक लड़की है और सबसे छोटे वाले का नहीं है। पर इनके यह जो बच्चे हैं ना यह भी बलवान को बड़ा मानते हैं और इसमें पूजा प्रिया आशीष अंकुश यह चारों भूत प्रेत को पढ़ा मानते हैं।

तो होता क्या है कि एक बार इनके घर में एक पूजा रखी जाती है यह जो बचे हुए लोग हैं जो भगवान को मानते हैं इन्होंने एक पूजा रखाई

पूजा में पंडित वगैरह सब आए। तो हुआ क्या कि जो पंडित आए थे उनको घर में कुछ गड़बड़ लग रही थी रात को उनको नींद नहीं आ रही थी जहां बाहर टहल रहे थे

तो हुआ यह कि अगले दिन जब पंडित जी पूजा कर रहे थे तो यह जो सबसे छोटी वाली बहू है इसने आकर उधर जहां पर आग लगाई थी उन्होंने मतलब जो जिस में डालते हैं आग लगाने के बाद कुछ सामग्री वह जो होता है उसमें अगर पानी डाल दिया।

तो पंडित जी बोले बिटिया यह क्या किया तुमने? तो वो हंसने लगी और बोले कि पंडित जी यह तो मुझसे गलती से हो गया आप हाथ देखते हैं फिर हाथ देखकर बताइए ना कि क्या कि मैंने ऐसा क्यों किया?

तो पंडित जी बोले बेटा...