आत्म - विश्वास
कदम तो कहते हैं चलता चल,
चाहे मुश्किलें आएं हज़ार।
अक्सर पतझड़ से गुज़र कर ही,
आती है फूलों पर बहार।
क्या हुआ जो करना पड़ रहा है,
कामयाबी का थोड़ा इंतज़ार।
मैं खुद ही राह बना लूंगा ,
कर लूंगा मुश्किलों के समंदर पार।
नहीं चाहिए कोई रोशनी की किरण,
मैं खुद एक रोशन चिराग़ हूं।
जल जाएंगी ज़माने की साजिशें,
मैं तो एक ऐसी आग हूं।
आज हंसते हैं जो मुझे देखकर,
कल वही देख हैरान रह जाएंगे।
जब मैं पहुंचूंगा मंज़िल पर अपनी,
मेरी...
चाहे मुश्किलें आएं हज़ार।
अक्सर पतझड़ से गुज़र कर ही,
आती है फूलों पर बहार।
क्या हुआ जो करना पड़ रहा है,
कामयाबी का थोड़ा इंतज़ार।
मैं खुद ही राह बना लूंगा ,
कर लूंगा मुश्किलों के समंदर पार।
नहीं चाहिए कोई रोशनी की किरण,
मैं खुद एक रोशन चिराग़ हूं।
जल जाएंगी ज़माने की साजिशें,
मैं तो एक ऐसी आग हूं।
आज हंसते हैं जो मुझे देखकर,
कल वही देख हैरान रह जाएंगे।
जब मैं पहुंचूंगा मंज़िल पर अपनी,
मेरी...