दहेज आपका तोहफा नही,
जो इंसान आपकी बेटी की फिकर करेगा,
वो उसको शादी से पहले ही खुद के घर में उसके मुताबिक उसकी खुशी के हर सामान को खुद लाकर भरेगा,
फिर क्यों बेचते हो ,उसके जिस्म के साथ,
उसकी रूह को भी,
उसके आत्मसम्मान को भी ,आपके दिए तोहफ़े
उसे खुशी कुछ पल की,
जिंदगी भर की सौदे बाज़ी को याद दिलाते है,
अक्सर इसी तरह डोली में गई बेटी,
अर्थी पर भी जिस्म से नजर नहीं आती है,
© चांद
वो उसको शादी से पहले ही खुद के घर में उसके मुताबिक उसकी खुशी के हर सामान को खुद लाकर भरेगा,
फिर क्यों बेचते हो ,उसके जिस्म के साथ,
उसकी रूह को भी,
उसके आत्मसम्मान को भी ,आपके दिए तोहफ़े
उसे खुशी कुछ पल की,
जिंदगी भर की सौदे बाज़ी को याद दिलाते है,
अक्सर इसी तरह डोली में गई बेटी,
अर्थी पर भी जिस्म से नजर नहीं आती है,
© चांद