...

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मुझे बस तेरी फिकर हैं
मुझे बस तेरी फिकर हैं
क्यों है मुझे मालूम नहीं
जुबां पर तेरा जिकर हैं
क्यों है मुझे मालूम नहीं
मुझे बस तेरी फिकर है
क्यों है मुझे मालूम नहीं

पल पल तेरा ख्याल रखूं
दिल चाहता है हर हाल रखूं
ना हों देरी जरा सी तेरी आहट मैं
अपने होठों पर तेरा मलाल रखूं

तेरे प्यासे होठों की बरसात बन जाऊ
मिलन की गहरी काली रात बन जाऊं
अंग संग पुष्प बिखरते रहे मनोज के
पुष्प के लिए नए जीवन की शुरुआत बन जाऊ
© Manoj Vinod-SuthaR