...

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अलविदा दादा जी
#अलविदा

गल्तियो पर डांट ते तो सब है
पर आपकी डांट बहुत याद आती है

कुछ भी हम पहले भी करते थे
बस अब आपकी याद ज़रुर सताती है

रोती तो आपसे जिद पूरी करने के लिए थी
पर अब आपकी याद में आंख भर आती है

हर गलती पर प्यारी सी डांट लगानी
जानबूझ कर डांट क्यू खाती है

काश आप मेरे साथ होते
क्योंकि मुझे आपकी याद आती है


यह कविता मेरे दादा जी को समर्पित है जो मुझे 27 दिसंबर 2022 को छोड़ कर चले गए ।।।।



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