...

15 views

होश में आने लगा हूं
मैं भी होश में आने लगा हूं
शायद मैं भी दिल दुखाने लगा हूं

कि ज़िक्र मैं उसका अब नहीं करता
मगर ये भी मैं उसे बताने लगा हूं

और हिफ़ाज़त में रखना ये भ्रम अपना
मैं भी किसी को याद आने लगा हूं

उस के हिस्से ज़ख़्म मुझे सजाने पड़े
यूं ही नहीं मैं मुस्कुराने लगा हूं

ख़बर दो कोई कहीं मैं बुझ ना जाऊं
मैं धीरे धीरे खुद को जलाने लगा हूं

ऐ खुदा अब मौत आ ही जाए तो अच्छा
अब तो मैं तेरे दर भी सर झुकाने लगा हूं

© Narender Kumar Arya