कर्म की चादर
#स्वतंत्रता_प्रयास
कर्म की चादर में लिपटकर सोया है कोई ।
कल रात को जाग जागकर रोया है कोई ॥
मत पूछो जिंदगी परेशान क्यों है उसकी ।
दावत है मतलब का कहीं खोया है...
कर्म की चादर में लिपटकर सोया है कोई ।
कल रात को जाग जागकर रोया है कोई ॥
मत पूछो जिंदगी परेशान क्यों है उसकी ।
दावत है मतलब का कहीं खोया है...