...

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SCattered
#बिखर / Scattered

निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,

तुझ बिखरन का सवाल है,
बस ज़िद्दी होने का अहवाल है;
कितना रुला सकते हो जान,
बस अब तू ही इलाज है।

चल रहा हूँ ख़ुद से बातें बनाए,
ख़ुद को समझा ना, तुझ को समझाए;
रुखसत हो चुके सभी नज़रों से,
अब तुझे ही खुद को छुपाना है।

संभल जाए ज़रा अब तू ख़ुद को,
सफ़र है लम्हों का इक खेल को;
क़दम रख अब धीरे धीरे इश्क़ में,
ख़ुद ही मंज़िल हो और मंज़िल को।

ना ख़ुद से हुआ संघर्ष यह...