वाणावादिनि वर। दे
वर दे वीणवदिनि। वर दे । प्रिय स्वतंत्र रव अमृता मन्त्र नव भारत में भर दे काट अन्ध उर के बन्धन स्तर बहा जननि ज्योति मर्मय निर्झर ...