...

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सितम ए मोहब्बत
मैं आपको याद नहीं करती,
फिर भी आप याद आने लगे !!

जो सुबह उठकर देखू हथेली अपनी,
तो आप हाथों में भी मुस्कुराने लगे!!

लिखने लगी जब एहसास अपने दिल के,
तो आप अल्फाजों में भी समाने लगे!!

पलके बंद कर अगर मैं कुछ भी सोचू,
तो मुझे आप ही आप नजर आने लगे !!

जब कभी तन्हाइयों में बैठ अकेले मैं रोने लगू,
तो आप ख्वाबों में आकर गले लगाने लगे!!

सितम ए मोहब्बत तोहफे में दिया,
अब क्यों फिर इश्क जताने लगे!!


© hema singh __