कैसे
ऐसे बिखरे साहस मेरे
हिम्मत ना हुई समेटने की
कैसे रोकते वो जल धारा
जिसने कभी जरूरत ना थी संभालने की,
अपनों से...
हिम्मत ना हुई समेटने की
कैसे रोकते वो जल धारा
जिसने कभी जरूरत ना थी संभालने की,
अपनों से...