दिल की उम्मीद
दिल ने... ना की थी किसी से भी उम्मीद कभी,
तुम मिले, तो लगा... मिल गया सहारा।
समय बीता तो पता चला, तुम भी औरों की तरह निकले,
भरोसा कर के फंस गया यह दिल बेचारा।।
हौंसला क्या बढ़ाओगे, तुम तो हर बात पर गलतियां गिनवाते...
तुम मिले, तो लगा... मिल गया सहारा।
समय बीता तो पता चला, तुम भी औरों की तरह निकले,
भरोसा कर के फंस गया यह दिल बेचारा।।
हौंसला क्या बढ़ाओगे, तुम तो हर बात पर गलतियां गिनवाते...