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*** तुम मुस्कुराओगे ***
*** कविता ***
*** तुम मुस्कुराओगे ***
" यूं जो मैं तेरे करीब हो रहे हैं ,
ज़िन्दगी मैं तेरे नसीब हो रहे हैं ,
छोड़ के तेरी चाहतों के अब क्या मैं एहसास पालू ,
भूल के तुझको कहीं फिर कहा दिल लगा लूं ,
देख आइना तुम कभी सरमाओगे ,
जब मेरी चाहते तुझ में कहीं रस जाये बस जाये ,
यूं याद करोगे खुद में खुद को कहीं छुपाओगे ,
मेरी बातों मेरे आवारगी पे तुम भी मुस्कुराओगे ,
आ लगोगे गले खुद को कहीं मुझमें छुपा लोगे ,
भूल के सारा जाहां मुझको यूं गले लगाओगे . "
--- रबिन्द्र राम
© Rabindra Ram
*** तुम मुस्कुराओगे ***
" यूं जो मैं तेरे करीब हो रहे हैं ,
ज़िन्दगी मैं तेरे नसीब हो रहे हैं ,
छोड़ के तेरी चाहतों के अब क्या मैं एहसास पालू ,
भूल के तुझको कहीं फिर कहा दिल लगा लूं ,
देख आइना तुम कभी सरमाओगे ,
जब मेरी चाहते तुझ में कहीं रस जाये बस जाये ,
यूं याद करोगे खुद में खुद को कहीं छुपाओगे ,
मेरी बातों मेरे आवारगी पे तुम भी मुस्कुराओगे ,
आ लगोगे गले खुद को कहीं मुझमें छुपा लोगे ,
भूल के सारा जाहां मुझको यूं गले लगाओगे . "
--- रबिन्द्र राम
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