...

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तुम्हें देखने की हसरत
तुम्हें देखने की हसरत दिल में रह जायेगी
गुज़रकर ये रात कभी लौट के ना आयेगी,

तड़पकर दिल मेरा टुकड़े हो जायेगा पर
आवाज़ कभी तुम तक पहुंच ना पायेगी,

तस्वीरों में यादें रह जायेंगी और बिछड़ने
वालों को क़िस्मत कभी फिर ना मिलायेगी,

तेरी मजबूरियां,मेरी ज़िम्मेदारियां मोहब्बत
को दफ़न कर देंगी,टूटी चाहत चीस मन में
उठायेगी,

मुझे अंदाज़ा नहीं तुम हिज्र कैसे सहोगी या
वक्त की धारा ज़ेहन से ख़ुद ब ख़ुद हर याद
मिटायेगी,

फिर जिक्र ना कोई तुम करोगी नाम मैं भी
नहीं लूंगा पर 'ताज' अधूरी कहानी कलम से
किस्सा पूरा लिखायेगी।
© taj