...

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ग़ज़ल
उसे भी इश्क़ हो गया जिसे बड़ा गुमान था
मैं उसके दरमियान हूँ जो मेरे दरमियान था

जुदा है रूह-ओ-जिस्म भी बचा न कुछ तिलिस्म भी
तबाह हो गया हसीं जो अपना गुलसितान था ...