उसकी बाते 🖤
जब वो मुझको अपनी आंखो से निहारता था
नजर नही लगे इस लिए मेरी नज़रे उतारता था
मेरे लिए रीती रिवाज से रस्मे भी निभाता था
मिल जाए एक दूसरे से भगवान से दुआएं करता था
वो दूर था मुझसे पर अपने जिस्म में बसाया था
छोड़ेगा नहीं कभी वो हर बार मेरी कसमें खाता था
जिद्दी थोड़ा ज्यादा हूं वो मेरी हर बात पूरी करता था
मेरी गलती पर डाट कर वो खुद ही रोने लगता था
मैने पूछा किस हक से मुझे अपना बनाया है तुमने
वो तीज कर खुद को मेरी जीवन साथी बताया था
© raushan1305...✍️🍁
नजर नही लगे इस लिए मेरी नज़रे उतारता था
मेरे लिए रीती रिवाज से रस्मे भी निभाता था
मिल जाए एक दूसरे से भगवान से दुआएं करता था
वो दूर था मुझसे पर अपने जिस्म में बसाया था
छोड़ेगा नहीं कभी वो हर बार मेरी कसमें खाता था
जिद्दी थोड़ा ज्यादा हूं वो मेरी हर बात पूरी करता था
मेरी गलती पर डाट कर वो खुद ही रोने लगता था
मैने पूछा किस हक से मुझे अपना बनाया है तुमने
वो तीज कर खुद को मेरी जीवन साथी बताया था
© raushan1305...✍️🍁