...

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मुझे याद किया करो इतिफाक से।
मेरी गली से जब गुजरो,
मुस्कानों की बारिश किया करो।
याद रहे मुझे भी, तुम दूर हो इसलिए,
थोड़ा शर्मा के पलके झुका के, मीठी- मीठी बातें किया करो।



बहुत दिन हुए मिल नहीं पाए।
सपनों के पतंग और याद की डोर बांध उड़ाए।
भीग गई आंखे तन्हा रहकर, तुम्हारे बिना।
पल- पल समय काट रहे हैं, अब तो मुश्किल है जीना।



तुम दूर हो तो क्या हुआ, मोहब्बत तो बरकरार है।
बस यहीं बंधन टूटे ना, तुमसे उम्र भर प्यार है।
मै तो हर वक्त करता रहूंगा याद, तुम भी किया करो।
सच नहीं तो झूठ सही, किसी बहाने से गली तक आ जाया करो।




तुम कभी जो आना, तुम मेरे होकर आना।
कुछ दिन रहना साथ में मेरे, नहीं बताना कोई बहाना।
बेवस हूं मैं तुम्हें देखने के लिए, एक बार तुम कर दो काम।
उजाला बनकर रहना मेरे जीवन में, सुबह हो या शाम।।


© writer manoj kumar🌹🖊️