ज़ख्म💔
पुराने लिफ़ाफ़े में टूटे हुए ख़्वाब हैं..
ना खोलो कभी तुम दर्द बेहिसाब हैं..!!
मेरे ख़यालो से कभी जाता ही नही..
तेरी किताब मे जो सूखा गुलाब हैं..!!
ज़ख्म दिल के नही दिखेंगे तुझको..
दिल के हर राज़ पर एक हिजाब हैं...!!
ना खोलो कभी तुम दर्द बेहिसाब हैं..!!
मेरे ख़यालो से कभी जाता ही नही..
तेरी किताब मे जो सूखा गुलाब हैं..!!
ज़ख्म दिल के नही दिखेंगे तुझको..
दिल के हर राज़ पर एक हिजाब हैं...!!
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