चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
रोज डे पर रोज दोगे,
फूलों की तरह संभाल पा ओगे,
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
जैसे कांटे रक्षा करते है फुलोकी
वैसी मेरा ख्याल रखना,
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
कांटों के बीच में खिलता है फूल जैसे
वैसे समाज में खिलने फूलने दोगे क्या?
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
रोज डे पर रोज नही,
हर रोज सुबह तेरी खिलती मुस्कान चाहिए,
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
© Nilam (Zankhna)
रोज डे पर रोज दोगे,
फूलों की तरह संभाल पा ओगे,
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
जैसे कांटे रक्षा करते है फुलोकी
वैसी मेरा ख्याल रखना,
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
कांटों के बीच में खिलता है फूल जैसे
वैसे समाज में खिलने फूलने दोगे क्या?
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
रोज डे पर रोज नही,
हर रोज सुबह तेरी खिलती मुस्कान चाहिए,
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
© Nilam (Zankhna)