...

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चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।

रोज डे पर रोज दोगे,
फूलों की तरह संभाल पा ओगे,
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।

जैसे कांटे रक्षा करते है फुलोकी
वैसी मेरा ख्याल रखना,
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।

कांटों के बीच में खिलता है फूल जैसे
वैसे समाज में खिलने फूलने दोगे क्या?
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।

रोज डे पर रोज नही,
हर रोज सुबह तेरी खिलती मुस्कान चाहिए,
चलो ना आज फिर से नई शुरुआत करते है ।


© Nilam (Zankhna)