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क्या करूँ यार मै
हा आपकी तरह मैं भी जात वात को फालतू मानती हूँ।
पर यार मेरे मम्मी पापा इस रिस्ते को एक्सेप्ट नहीं कर पायेंगे मैं अच्छे से जानती हूँ।।

हा आप मुझे बहुत चाहते हो और प्यार मैं भी आपसे बहुत करती हूँ।
पर यार मैं प्यार को पाने के लिए माँ बाप को नहीं रुला पाऊंगी मैं उन पर भी मरती हूँ।।

हा मैं मानती हूँ कि मैं आपको बीच राह में छोड़ नहीं सकती हूँ।
पर यार माँ बाप ने मुझें जिस दिल में बसाया है मैं उसको भी तोड़ नहीं सकती हूँ।।

हा यार जो ख़ुशी आप मुझें दे सकते हो वो और कोई नहीं दे पाऐगा।
पर यार मैं आपके साथ रही तो टूट जायेगी मेरी माँ और मेरा बाप भी नहीं सह पाऐगा।।

हा यार मैं मानती हूँ आपका नेचर बहुत प्यारा है।
पर यार मेरी माँ भी अच्छी है और मेरा बाप भी सबसे न्यारा है।।

हा यार मैं मानती हूँ मैं आपके बिना नहीं रह पाऊँगी।
पर किसी ने अंगुली उठायी माँ बाप पर तो मैं वो भी नहीं सह पाऊँगी ।।

हा दूरी बना कर रखते हो आप सबसे, अच्छा आपका चरित्र है।
पर कैसे करू मै माँ बाप की इज्जत खराब कैरेक्टर उनका भी पवित्र है।।

हा यार मैं मानती हूँ एक दूसरें से दूर रहने पर होगा अपन को बहुत दुःख।
पर अगर माँ बाप के खिलाफ जाकर पास आये तो साथ रह कर भी नहीं रह पायेंगे अपन ख़ुश।।

सारी गलती मेरी हैं हो सके तो मुझको कर देना माफ।
मत लगाना मुझसे माँ बाप के खिलाफ जाने की उम्मीद आप।।
© सूरज कुमारी " अल्फ़ाज "