...

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मक्कार ना होना कवि
कवि तू मक्कार है
और
तुझे धिक्कार है

तूने शब्द गढ़े
रस और अलंकार मढ़े
भाव भी पिरोए महान होने को
लेकिन कमाए सिर्फ खोने को

तू दूसरों की नजर में सुरीला है
लेकिन
तेरा मन चंचल और रंगीला है
चरित्र और कर्म ही
सबसे बड़ा सुर है
और ...