मोहब्बत की बरसात
मोहब्बत की बरसात
इधर से हो या उधर से
ये ढलती हुई रात
उलझाती है जाने किधर से
आँखें पत्थर बन गई है
शायद फिकर से
मोहब्बत की बरसात
इधर...
इधर से हो या उधर से
ये ढलती हुई रात
उलझाती है जाने किधर से
आँखें पत्थर बन गई है
शायद फिकर से
मोहब्बत की बरसात
इधर...