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मौत
मरने से ठीक पहले याद आते हैं सब रिश्ते नाते पुराने
जिनसे बात किए बीत गए थे जमाने

ज़िन्दगी का हर एक छोटा बड़ा किश्सा
जिसका जाने अनजाने अपने बेगाने बन गए थे हिश्सा
याद आता है मां बाप की गोद में बीता हुआ बचपन
कैसे परिवार के जिम्मेदारियों में उम्र हो गई तीस से पचपन

मरने से ठीक पहले याद आता है-----

दिल चाहता है अपनों को जी भर के देखना
कभी न खत्म हो इतनी बातें कर लेना
लगता है काश ऊपर वाला थोड़ा सा वक्त देता
जिन -जिन का दिल दुखाया है उनसे मिलकर माफी मांग लेता
इन्सान बस जीना सीख ही रहा होता है
पर तभी जिन्दगी का दामन छुट रहा होता है

मरने के ठीक पहले ------

याद आती है जन्मभूमि, अपने हाथों से लगाया पेड़ और बचपन वाला पुराना घर
वो साइकिल के पीछे बैठे बचपन के साथी के साथ पुरे किए गए लम्बे - लम्बे सफर
होने लगता है अपनों को कभी न देख पाने का ग़म
अब विदा हो लेने का वक्त आ गया ये सोचकर आंखें हो जाती है नम
Deepika@
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