मेरी चाहत ✍🏻✍🏻✍🏻
मुझे शिकायत नहीं की तुम अल्हड बेबाक और बेरहम हो
गुजारिश इतनी है तुम्हारी खामोश उतरती साँसों में हम हों
तुम उड़ो नभ पथ पर मुझे पीछे छोड़कर कोई गुरेज नहीं
ख्वाहिश है उतरने पर तेरी पहली अदद जमीन बस हम हों
तुम्हे कैद करके रखने वाला कोई बेअदब मजहब नहीं हूँ ...
गुजारिश इतनी है तुम्हारी खामोश उतरती साँसों में हम हों
तुम उड़ो नभ पथ पर मुझे पीछे छोड़कर कोई गुरेज नहीं
ख्वाहिश है उतरने पर तेरी पहली अदद जमीन बस हम हों
तुम्हे कैद करके रखने वाला कोई बेअदब मजहब नहीं हूँ ...