...

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झूठी तारीफ़
हम सच्ची बात कहने से कितना डरते हैं, है न??
तारीफ़ करना कितना आसान होता है,
पर किसी की ख़ामियाँ बताने से,
हम कितना खौफ़ खाते हैं।
गर हम खुद की ख़ामियों और खूबियों का
आकलन खुद न करें तो,
यक़ीनन ये झूठी तारीफ़ें हमारी पतन का
कारण हो सकती हैं।
ये झूठी तारीफ़ें और हमारी ख़ामियों का
न बताया जाना, अक्सर हमें भ्रमित कर
दिया करती हैं।
झूठी तारीफ़ें,मृग- मरीचिका सी होती हैं।
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और हम करें भी तो क्या करें
कुछ लोगों को अपनी ख़ामियाँ accept
करना बहुत बुरा भी तो लगता है,
फिर हम ये भी सोचते हैं, फालतू के
झमेले में क्यों पड़ें,
पर झूठी तारीफ़ों से कुछ लोगों को सुकून कैसे
मिलता है 🥺🥺पता नहीं 🤔🤔
#jhuthi tareef
#saaz
© Saaz