भजन
जब भी मन ये लगे उदास,
प्रेम से भजन करें दिन रात।
होती रहे गर ये निरंतर,
दुख न आए मन के भीतर।
ध्यान का रहे जिसे अभ्यास,
सरल हो जाता हर एक प्रयास।
आत्मा को परिशुद्घ बनाकर,
तन के हर...
प्रेम से भजन करें दिन रात।
होती रहे गर ये निरंतर,
दुख न आए मन के भीतर।
ध्यान का रहे जिसे अभ्यास,
सरल हो जाता हर एक प्रयास।
आत्मा को परिशुद्घ बनाकर,
तन के हर...