संत रविदास
संत रविदास भक्ति मार्ग के प्रमुख कवि थे व्यवसाय से वह चर्मकार थें वह जाति पाति से से ऊपर थे वह कहते थे-
जनम जात मत पूछिए, क्या जात अरु पात...
जनम जात मत पूछिए, क्या जात अरु पात...