कहीं दूर से जब
क्यों दिल को मिलता राहत -ओ- आराम नहीं है,
तीरगी के आलम में कहीं रौशनी का नाम नहीं है।
कहीं दूर से जब आती है सदाएं हमारे प्यार की,
तेरी यादों के साए में भी मिलता आराम नहीं है।
मेरी छोटी सी भूल को गुनाह बना डाला...
तीरगी के आलम में कहीं रौशनी का नाम नहीं है।
कहीं दूर से जब आती है सदाएं हमारे प्यार की,
तेरी यादों के साए में भी मिलता आराम नहीं है।
मेरी छोटी सी भूल को गुनाह बना डाला...