...

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◆ मृत काल भैरवी ◆
तुम सफर साथ में आकर देखो ,
" पौष " की सर्द का दर्द मिलेगा ,

तुम कदम मिलाकर चलकर देखो ,
" ज्येष्ठ " ताप का कहर मिलेगा ,

तुम बोलो अहम् सुकून चाहिए
तो ,
" मृत्यु " का अंगीकार मिलेगा ,

गुंजित होते मौन अधरों पर ,
" काल " का पहला गीत मिलेगा ,

तुम काल भैरवी गाने वाले ,
" अहम् " में बस विद्रोह मिलेगा ,

तुम वर्णांका हमारी को घिसकर देखो ,
बस " विद्रोह " ताल से युक्त मिलेगा ,

तुम समीप हृदय के न आकर देखो
बस उसमें शापित " कृशानु " मिलेगी ,

हां ! न पास हृदय के आकर देखो
" काल भैरवी " अजैव मिलेगी !!


© निग्रह अहम् (मुक्तक )
【GHOST WITH A PEN 】