जज़्बात .........✍️
कभी चाहा नही मैंने हर किसी से दर्द बाँटना
हक़दार एक सिर्फ़ एक चाहती थी
मै उस आकाश की नीली बुलंद लहरों बीच
अपने आशियाँ का एक हक चाहती थी
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हक़दार एक सिर्फ़ एक चाहती थी
मै उस आकाश की नीली बुलंद लहरों बीच
अपने आशियाँ का एक हक चाहती थी
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